“मैं और समाज की वास्तविकता – कठोर सत्य” भाग 1

परिचय (Introduction):

मैंने देखा कि मेरे कार्यों पर आधारित विवादास्पद प्रश्न हमेशा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर या व्यक्तिगत रूप से पूछे जाते हैं। इसलिए समाज के विवादों से संबंधित इस लेख यानि “मैं और समाज की वास्तविकता – कठोर सत्य” को लिखना मेरी प्राथमिकता हो गई है।

36 साल की उम्र में, मैंने एक मस्कुलोस्केलेटल फिजियोथेरेपिस्ट, एक फिटनेस ट्रेनर और एक लेक्चरर के रूप अपनी पहचान बनाई है। अपनी उपलब्धि की सूची में, मैं एक व्यवसायी के रूप में फिटनेस क्रेवर्स अकादमी, दिल्ली की डायरेक्टर और सीईओ भी हूँ। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो मुझे विरासत में मिली हैं जिन्हें मैं सही समय आने पर आपके सामने प्रकट करूंगी। ध्यान से पढ़िएगा क्यूंकि मैं आमतौर पर लोगों द्वारा पूछे जाने वाले अजीब प्रकार के प्रश्नों के उत्तर दूंगी।

मेरा व्यवसाय (My Profession):

मैं और समाज की वास्तविकता

बचपन से ही पढ़ाना मेरा शौक था। मैंने मस्कुलोस्केलेटल फिजियोथेरेपी में मास्टर्स किया और मांसपेशियों और हड्डियों से संबंधित कई रोगियों का इलाज किया। अंतत: मेरी किस्मत ने मुझे एक ऐसी जगह पहुँचाया, जो मुझे बहुत पसंद थी। मैंने कभी नहीं सोचा था की मेरे आने वाले वक़्त में मैं छात्रों को पढ़ाऊँगी। मेरे छात्र फिटनेस उद्योग में एक फिटनेस या व्यक्तिगत प्रशिक्षक, खेल पोषण विशेषज्ञ आदि के रूप में अपना करियर बनाते हैं।

शायद ऐसे दो कारक हैं जिन्होंने मुझे नैदानिक ​​​​क्षेत्र (clinical domain) से शिक्षण में अपने करियर को बदलने में मदद की। सबसे पहले, मुझे छात्रों को वही विषय पढ़ाना था जिनकी पढ़ाई मैंने अपने महाविद्यालय में की थी। उदाहरण के लिए, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायो-मैकेनिक्स आदि। दूसरा, मैं हमेशा अपनी फिटनेस को लेकर बहुत सचेत रही हूं। यही कारण है कि मैंने अपने छात्रों को व्याख्यान देने में हमेशा आनंद लिया है।

मेरा लक्ष्य (My Goal):

मेरा लक्ष्य समाज को यथासंभव फिट रखना है जिससे उन्हें जीवन की अच्छी गुणवत्ता प्रदान की जा सके। एक अकेले व्यक्ति के रूप में, मैं इस उद्देश्य को इतनी कुशलता से पूरा नहीं कर पाती जो मैं चाहती थी। इसीलिए, मैंने शिक्षण को शिक्षित करने और मानव संसाधन बनाने का सबसे अच्छा फैसला किया जिससे कि समाज का कल्याण हो सके।

मैं पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ पढ़ाना पसंद करती हूँ। यह मजाक नहीं है जैसा कि फिटनेस इंडस्ट्री में कई शिक्षकों ने इसका बना रखा है। यह उनके खराब शिक्षण कौशल के कारण है। छात्र को फिटनेस की विभिन्न अवधारणाओं को समझने के लिए एक महान प्रतिबद्धता, कड़ी मेहनत और रचनात्मकता की आवश्यकता होती है।

व्यक्तिगत प्रशिक्षण (Personal Training), खेल पोषण (Sports Nutrition) या योग (Yoga) में प्रमाणन के लिए नामांकित अधिकांश छात्र विज्ञान पृष्ठभूमि से संबंधित नहीं होते हैं। यहीं पर मुझे असली चुनौती का सामना करना पड़ता है। मुझे उन्हें बेसिक लेवल से पढ़ाना पढ़ता है क्योंकि उन्हें मानव शरीर के कामकाज की बुनियादी बातों का पता नहीं होता। भाषा बाधा भी यहाँ एक मुद्दा होता है।

जब पढ़ाने की बात आती है तो मैं इसमें कोई भी कमी बर्दाश्त नहीं कर सकती। मेरे डांस वीडियो देखकर लोग मुझे डॉक्टर और फिटनेस क्रेवर्स एकेडमी के डायरेक्टर की तरह व्यवहार करने के लिए कहते हैं। मुझे सच में आश्चर्य होता है कि निर्देशक या डॉक्टर, क्या वे इंसान नहीं हैं? क्या उन्हें अपने जुनून को पूरी तरह से जीने का अधिकार नहीं है और वह भी बिना विवादित बयानों के अपनी शर्तों पर!

समाज के लिए एक प्रश्न (A Question to the Society):

ऐसा क्यों है कि जब कोई नामित व्यक्ति किसी सेंशुअल नृत्य वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड या साझा करता है, तो लोग उसे स्वीकार नहीं करते हैं! और आपत्तिजनक शब्दों से ट्रोल करना शुरू कर देते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप जानते होंगे कि सेंशुअल और अश्लीलता के बीच बहुत महीन रेखा का अंतर होता है। जो लोग मैच्योर होते हैं, वे परिपक्वता के कारण इस अंतर को समझते हैं। वे वास्तव में मेरे प्रयास और प्रतिभा की सराहना करते हैं।

दुर्भाग्य से, समाज का एक वर्ग है, जो इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर सकता कि बहु-प्रतिभाशाली लोग इस दुनिया में मौजूद हैं। और ऐसे लोगों को अपनी शर्तों के अनुसार अपने जुनून और प्रतिभा को साझा करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का पूरा अधिकार है।

“भेड़ की खाल में भेड़िया” – (“Wolf In A Sheep’s Skin”):

आप किस तरह के लोगों का अनुसरण करना चाहेंगे? लोगों के 2 वर्ग हैं। पहला, “भेड़ की खाल में भेड़िया”। मुझे इसे आपके लिए विस्तृत करने दें। यहां मैं समाज के उस वर्ग पर जोर दे रही हूँ जो दो चेहरों के साथ ज़िन्दगी जीते हैं और आप इंसान ऐसे लोगों की पूजा करता है।

ऐसे लोग खुद को ईमानदार, दयालु, नेक और परिष्कार से भरपूर दिखाते हैं। लेकिन वास्तव में, अगर मैं फिल्म उद्योग का उदाहरण लेती हूँ, जिसका आमतौर पर हर कोई अनुसरण करता है, तो वे ड्रग्स, बाल और मानव तस्करी, मैच फिक्सिंग, वेश्यावृत्ति और भी बहुत चीज़ों में लिप्त पाए जाते हैं! क्या आपको यह विवादास्पद लगता है? यदि हां, तो आपको ऐसा नहीं लगना चाहिए।

लोगों का दूसरा वर्ग है, “भेड़ की खाल में भेड़“। अब मैं जिस पारदर्शी व्यक्तित्व की बात कर रही हूँ ये वो लोग हैं जो जैसे दिखते हैं वैसे ही होते हैं। वे पाखंडी नहीं होते। वे एक खुली किताब की तरह होते हैं और कभी कुछ छिपाने की कोशिश नहीं करते। ऐसे लोग अपने जुनून, प्रतिभा, पसंद, नापसंद और भावनाओं को किसी भी माध्यम से खुले दिल से साझा करना पसंद करते हैं, ऐसे माध्यम का उदाहरण है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म।

शर्म और शालीनता (Shame And Decency):

लेकिन आम तौर पर समाज ऐसे लोगों के बारे में यह सोचता है कि वह व्यक्ति बेइज़्ज़त और लज्जाजनक है यानि वह जिस संस्कृति का अनुसरण करता है, उसके विपरीत कर्म कर रहा है। लेकिन सब एक बात भूल जाते हैं कि ऐसे लोग समाज के लिए हानिकारक नहीं होते।

वे हमेशा उन दोमुंहे लोगों से बेहतर होते हैं जिन्हें आप सभी सम्मान के साथ फॉलो करते हैं लेकिन वास्तव में वे आपको बेवकूफ बनाते हैं। ऐसे वर्ग के लोग हमेशा हर तरह से समाज के लिए योगदान देने की कोशिश करते हैं और हां, मैं उनमें से एक हूं।

मेरे दोस्तों के लिए यह मेरा एक छोटा सा परिचय था। मेरे आने वाले लेखों में आप मेरी यात्रा और समाज की कई गंभीर बाधाओं के साथ मेरे संघर्ष के बारे में जानकर चकित रह जाएंगे। उदाहरण के तौर पर फिटनेस उद्योग, बॉलीवुड, राजनीति, सरकारी अधिकारियों, अस्पतालों, कानूनी व्यवस्था, विवादास्पद संस्थाऐं आदि ।

अगर आप यही ब्लॉग अंग्रेजी भाषा में पढ़ना चाहते हैं तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें Me & The Reality of Society – The Harsh Truth” Part 1

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डि‍सक्‍लेमर (अस्वीकरण): यह लेख या ब्लॉग वास्तविक जीवन के अनुभव के आधार पर बनाया गया है। डॉ. प्रियंका जैन (पीटी) w.r.t. www.drjainpriyanka.com ने किसी को बदनाम करने के लिए ऐसा नहीं किया है। यहां उन्होंने सिर्फ अपने विचार व्यक्त करने की कोशिश की है।

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